उदयपुर। पारस हेल्थ उदयपुर ने रोटेटर कफ सर्जरी में रीजनरेटिव तकनीक का उपयोग कर एक नई सफलता हासिल की है। इस नवीन बायो-इंडक्टिव तकनीक से कमजोर टेंडन को मजबूत किया जाता है, जिससे दोबारा चोट का खतरा कम होता है। विशेष रूप से बुज़ुर्ग मरीज़ अब बेहतर चलने फिरने में सक्षम हो रहे हैं, और उनका जीवन गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
यह सर्जरी कंधे के फटे हुए रोटेटर कफ टेंडन को बायो-इंडक्टिव कोलेजन पैच से ठीक करने के लिए की गई। इसमें फटे टेंडन को ठीक कर, मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाई गई। डॉ. राहुल खन्ना की नेतृत्व वाली टीम ने इस तकनीक का प्रयोग कर टेंडन को मजबूत किया, जिससे दोबारा फटने का खतरा कम हो गया। यह तरीका जल्दी और बेहतर रिकवरी सुनिश्चित करता है, और मरीज़ के कंधे की मूवमेंट को फिर से सही दिशा में लाता है।
डॉक्टरों का मानना है कि रोटेटर कफ की चोट का समय पर इलाज बेहद जरूरी है। खासतौर पर जब चोट गंभीर हो या मांसपेशियों को क्षति पहुँचे, तभी सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। आधुनिक minimally invasive तकनीकें मरीज़ को तेजी से ठीक होने का मौका देती हैं, और इससे लंबे समय तक दर्द से राहत मिलती है। उदयपुर में पहली बार शामिल हुई इस नई सर्जरी से स्थानीय मरीज़ों को उन्नत इलाज का लाभ मिल रहा है।