उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) हॉस्पिटल, उमरड़ा में हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने बिना ओपन हार्ट सर्जरी एक 26 वर्षीय महिला के दिल का छेद बंद कर उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की। महिला का उपचार चिरंजीवी योजना के तहत पूरी तरह निःशुल्क किया गया। सीनियर कंसलटेंट एवं इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. महेश जैन और उनकी टीम ने आधुनिक तकनीक एएसडी डिवाइस क्लोजर की मदद से जन्मजात एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (ASD) को सफलतापूर्वक बंद किया। पिम्स चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने बताया कि कई बार बचपन में स्वतः बंद हो जाने वाला यह छेद कुछ मरीजों में जीवनभर खुला रहता है, जिसे सामान्य भाषा में “दिल में छेद” कहा जाता है।
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. महेश जैन ने बताया कि इस विकार से पीड़ित मरीजों को तेज चलने, सीढ़ियां चढ़ने, चक्कर आने और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि डिवाइस क्लोजर तकनीक से बिना चीरफाड़ दिल का छेद सुरक्षित रूप से बंद किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में छतरीनुमा डिवाइस को एक नली के माध्यम से ह्रदय तक पहुंचाया गया। सर्जरी में डॉ. महेश जैन के साथ कार्डिक एनेथेस्टिक डॉ. विपिन सिसोदिया और सीटीवीएस सर्जन डॉ. विवेक रावत ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।