उदयपुर। पारस हेल्थ उदयपुर ने 2 साल के बच्चे में ग्रोइंग स्कल फ्रैक्चर का इलाज कर एक नई उपलब्धि हासिल की। पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में सफलता मानी जा रही है। बच्चे के सिर पर लगी चोट के आठ महीने बाद वहां पल्सेटाइल सूजन बनने लगी। सीटी स्कैन में पाया गया कि यह बढ़ता हुआ खोपड़ी फ्रैक्चर था, जो बच्चों के सिर की चोटों में बहुत कम मामलों (लगभग 0.05% से 1.6%) में देखा जाता है। यदि समय पर इलाज न किया जाता तो यह लकवा और दौरे जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता था।
न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अजीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने टाइटेनियम मेश और पेरीक्रेनियम का उपयोग करके जटिल ड्यूरल रिपेयर और क्रेनियोप्लास्टी की। इस सर्जरी ने न केवल खोपड़ी की संरचना को पुनर्स्थापित किया, बल्कि दिमाग की सुरक्षा और बच्चे के चेहरे की बनावट को भी संतुलित किया। डॉक्टरों ने बताया कि इतनी कम उम्र के बच्चे में यह प्रक्रिया अत्यंत नाजुक होती है, जिसके लिए सटीक योजना और विशेषज्ञ सर्जिकल कौशल की आवश्यकता होती है।
पारस हेल्थ उदयपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ प्रसून कुमार ने बताया कि यह सफलता दिखाती है कि दुर्लभ बाल चिकित्सा मामलों में शीघ्र पहचान और समय पर सर्जरी कितनी महत्वपूर्ण होती है।







