डॉ. कमलेश शर्मा
उदयपुर/बांसवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 25 सितंबर की प्रस्तावित बांसवाडा यात्रा के तहत बांसवाड़ा से 1 लाख 22 हजार 670 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री राजस्थान को 42 हजार करोड़ रुपए की माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना सहित 1 लाख 8 हजार 468 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं और विकास कार्यों की सौगात देंगे। वे इस अवसर पर राजस्थान सरकार के 30 हजार 339 करोड़ रुपए से अधिक के 48 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी करेंगे। इस मौके पर 15 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यक्रम के अंत में पीएम कुसुम योजना के विभिन्न लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे।
शक्ति और साधना के प्रतीक शारदीय नवरात्रि की पावन बेला में राजस्थान का जनजाति बहुल दक्षिणांचल नई ऊर्जा और नए विश्वास का साक्षी बनने जा रहा है। देवी त्रिपुरा सुंदरी की दिव्य छत्रछाया, माही माता की जीवनदायिनी धारा, मानगढ़ के गौरवशाली इतिहास और संत मावजी की पवित्र भूमि पर 25 सितंबर का दिन केवल कैलेंडर की तारीख नहीं, बल्कि भविष्य के उज्ज्वल अध्याय की शुरुआत बनकर दर्ज होगा। इस दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बांसवाड़ा जिले की छोटी सरवन पंचायत समिति के नापला गांव पहुंचकर 1 लाख 22 हजार 441 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
राजस्थान के जनजाति बहुल दक्षिणांचल वागड़ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर हो रहा यह आयोजन एकात्म मानववाद और अंत्योदय के आदर्शों को नई ऊर्जा देगा, मानो देवी की आराधना और विकास का संकल्प एक साथ साकार हो रहे हों।
’राजस्थान सरकार का दूरदर्शी सहयोग:
प्रधानमंत्री की इस ऐतिहासिक यात्रा को सफल बनाने में राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय है। मुख्यमंत्री ने स्वयं नापला गांव और आयोजन स्थल का दौरा कर तैयारियों का गहन निरीक्षण किया। मंच निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, चिकित्सा सहायता, यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण से लेकर हर व्यवस्था को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय स्वीकृतियां और बुनियादी ढांचे के विकास में त्वरित कार्रवाई कर केंद्र की योजनाओं को गति दी। मुख्यमंत्री ने इसे केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि दक्षिण राजस्थान के जनजातीय अंचल को आत्मनिर्भर बनाने का युगांतकारी कदम बताया है।
“माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना: प्रकृति और प्रगति के बीच सामंजस्य की प्रतीक’
प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर प्रदेश की दूसरी और देश की महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा परियोजना माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास करेंगे। लगभग 42,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 2800 मेगावाट की क्षमता वाली होगी, जिसमें 700-700 मेगावाट की चार अत्याधुनिक इकाइयां शामिल हैं।
बांसवाड़ा जिले की छोटी सरवन तहसील के आड़ीभीत, बारी, कटुम्बी, सजवानिया और रेल गांवों में बनने वाली यह परियोजना प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर तकनीक पर आधारित होगी, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बिना स्वच्छ बिजली उत्पादन में सक्षम है। यह परियोजना केवल बिजली का स्रोत नहीं, बल्कि प्रकृति और प्रगति के बीच सामंजस्य का प्रतीक होगी।
जनजाति अंचल के सपनों को लगेंगे पंख:
इस परियोजना से बांसवाड़ा को दुनिया के परमाणु ऊर्जा मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी। इस परियोजना के निर्माण और संचालन के दौरान हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर खुलेंगे और आसपास के व्यवसायों को नई दिशा मिलेगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और दक्षिण राजस्थान का जनजातीय अंचल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। यह केवल रोजगार की गिनती नहीं, बल्कि उन सपनों का उत्सव है, जो पीढ़ियों से अवसर की राह देख रहे थे।
राजस्थान सरकार ने परियोजना से जुड़े स्थानीय रोजगार प्रोत्साहन, कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र और औद्योगिक इकाइयों के विस्तार की योजनाएं भी तैयार की हैं, ताकि बांसवाड़ा के युवाओं को सीधा लाभ मिल सके।
भव्य आयोजन, अप्रतिम उत्साह:
माहीबांध बैकवॉटर की मनमोहक प्राकृतिक छटा के बीच नापला गांव का आयोजन स्थल विकास और आस्था के महाकुंभ में बदल चुका है। प्रधानमंत्री के मंच, वीवीआईपी गैलरी और जनसभा के लिए विशाल डोम और विशेष पंडाल बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिए केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियां और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीमें मुस्तैद हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं बार-बार स्थल का दौरा कर अंतिम तैयारियों का निरीक्षण कर रहे हैं। शहर और आयोजन स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। प्रशासन द्वारा आमजन की सुविधा के लिए शटल बस सेवा, पेयजल स्टॉल, चिकित्सा केंद्र और पार्किंग जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। पूरे क्षेत्र में ऐसा उत्साह है मानो यह केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि पूरे जनजातीय अंचल का अपना पर्व हो।
श्रद्धा, संस्कृति और विकास का अद्भुत संगम:
त्रिपुरा सुंदरी की शक्ति, माही माता की पावन धारा और संत मावजी के तपोभूमि की आभा में यह शिलान्यास केवल ऊर्जा परियोजना का आरंभ नहीं, बल्कि विकास और संस्कृति के अद्वितीय संगम का साक्ष्य है। नवरात्रि की आराधना जहां शक्ति और संरक्षण का संदेश देती है, वहीं यह परियोजना हरित ऊर्जा और सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर को “राजस्थान को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने वाला ऐतिहासिक पर्व” बताते हुए इसे राज्य के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प माना है।
भविष्य के उजाले का व्रत:
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल परियोजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि दक्षिण राजस्थान के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का व्रत है। यह संदेश है कि जब श्रद्धा, संकल्प और राज्य-केंद्र की साझी प्रतिबद्धता साथ चलें, तो विकास का हर मार्ग सुगम हो जाता है। माहीबांध की लहरों पर गूंजती ऊर्जा क्रांति की यह गाथा राजस्थान को वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर स्थापित करेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ ऊर्जा, रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया सूरज लेकर आएगी।
यह अवसर हमें याद दिलाता है कि शक्ति की उपासना और विकास का संकल्प जब एक साथ फलीभूत होते हैं, तब इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अध्याय अंकित होते हैं।