उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए VELYS Robotic-Assisted Solution के माध्यम से सफल रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की शुरुआत की गयी है। यह अत्याधुनिक तकनीक बिना किसी प्री-ऑपरेटिव सीटी या एमआरआई स्कैन के सर्जरी को और अधिक सटीक, सुरक्षित और व्यक्तिगत बनाती है।
गीतांजली हॉस्पिटल के अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रामावतार सैनी और डॉ. हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने इस रोबोट की मदद से सफल सर्जरी कर यह सिद्ध किया है कि अब प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान को विश्वस्तरीय ऑर्थोपेडिक केयर की सुविधा गीतांजली हॉस्पिटल में मिलेगी।
इस अवसर पर गीतांजली ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंकित अग्रवाल ने कहा “हमारा विज़न सदैव यही रहा है कि प्रदेश ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण राजस्थान के प्रत्येक नागरिक को विश्वस्तरीय, अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उनके अपने राज्य में ही मिले। गीतांजली हॉस्पिटल ने हमेशा चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली सेवाओं को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। इसी कड़ी में ‘VELYS रोबोटिक सर्जरी सिस्टम’ का समावेश हमारे इस संकल्प को और भी सशक्त बनाता है।”
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “VELYS रोबोटिक तकनीक के साथ, गीतांजली हॉस्पिटल ने यह सिद्ध कर दिया है कि अब उदयपुर में भी देश के किसी बड़े महानगर जैसी उन्नत और परिष्कृत चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं। अब प्रदेश के मरीजों को अत्याधुनिक उपचार के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी श्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएँ अब उनके अपने शहर, अपने प्रदेश में ही साकार हो रही हैं।”
यह तकनीक वर्तमान में भारत के केवल चुनिंदा मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में ही उपलब्ध है।
VELYS रोबोटिक तकनीक सर्जन को रीयल-टाइम डाटा और इमेजलेस प्लानिंग प्रदान करती है, जिससे प्रत्येक मरीज की शारीरिक संरचना के अनुरूप सटीक घुटना प्रत्यारोपण किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप मरीजों को तेज़ रिकवरी, कम दर्द और दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त होती है।
VELYS प्रणाली पूरी तरह इमेजलेस और सर्जन-नियंत्रित है, जो ऑपरेशन के दौरान घुटने की हड्डियों और लिगामेंट्स का संतुलन बनाते हुए अत्यंत सटीक अलाइनमेंट सुनिश्चित करती है।
इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह हर मरीज की शारीरिक बनावट के अनुसार पर्सनलाइज़्ड सर्जरी की सुविधा देती है, जिससे समय, खर्च और अनावश्यक रेडिएशन एक्सपोज़र में उल्लेखनीय कमी आती है।







