उदयपुर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने उदयपुर में कहा कि देश में डिजिटल क्रांति से शहरों से लेकर गांवों तक हर व्यक्ति जुड़ा है, लेकिन हमें इसमें सावधानी बहुत रखनी है और खासकर बुजुर्गों को कि वे डिजिटल अरेस्ट और फ्रॉड में नहीं फंस जाएं। मल्होत्रा उदयपुर में आरबीआई के ‘आपकी पूंजी-आपका अधिकार’ अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की 101.47 करोड़ रुपए के असली वारिसों को बुलाया शिविर में ताकि उदयपुर जिले में कई सालों से 2,86,243 बैंक खातों में जमा 101.47 करोड़ रुपए को उनके असली वारिसों तक पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक राजस्थान के उप महाप्रबंधक विकास अग्रवाल ने बताया कि इन रुपयों को बैंक की भाषा में अनक्लेम्ड डिपॉजिट या अदावाकृत जमा कहा जाता है। यह अनक्लेम्ड डिपॉजिट सही हाथों में पहुंच जाए, इसके लिए भारत सरकार के निर्देश पर आरबीआई की ओर से इस अभियान को शुरू किया गया है।
आज हर व्यक्ति के पास डिजिटल बैंक खाता:
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा-जब हमने नौकरी शुरू की थी, तब हम इसी प्रकार के कैंपों में जाते थे और साक्षरता की बात करते थे। आज देश में हर व्यक्ति के पास बैंक खाता है और सबके पास डिजिटल बैंक खाता है। उन्होंने आगे कहा कि अब वित्तीय डिजिटल समावेश साक्षरता की बात हो रही है। आज पूरे राजस्थान में बैंक खाता धारक व्यक्तियों के पास डिजिटल बैंक अकाउंट है या वे नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या एटीएम से जुड़े हुए हैं।
मल्होत्रा ने कहा कि डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता से जुड़ रही है, लेकिन हमें बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। जिस तरह से आजकल डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट हो रहे हैं, खासकर सीनियर सिटिजन के साथ, उसके प्रति बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। साइबर और डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए पुराने खातों की ई-केवाईसी जरूर कराएं। ग्राहकों की सुविधा और उनका हित सर्वोपरि होना चाहिए। हमें अपने ग्राहकों तक पंचायत स्तर तक पहुंचना चाहिए।
संजय मल्होत्रा ने कहा झीलों की नगरी उदयपुर में भी मैंने अपने करियर के दौरान काम किया था। मुझे खुशी है कि आरबीआई में जाने के बाद राजस्थान से मेरा पहला दौरा उदयपुर से हो रहा है। उदयपुर के साथ जो प्रेम है वो सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि मैं पूरे राजस्थान की नौकरशाही के व्यवहार पर कह सकता हूं।
सभी जिलों में जब प्राथमिकता या पोस्टिंग की बात आती है, तो उदयपुर हमेशा ऊपर के नंबरों पर रहता है। मल्होत्रा जून 2009 में उदयपुर में जनजाति आयुक्त के पद पर और उसके बाद अगस्त 2009 में राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMM) के एमडी रहे थे।
जब हमने नौकरी जॉइन की थी तब हम कार्यक्रमों में जाते थे तो महिलाओं की संख्या बहुत कम रहती थी। मैंने कल ही कई नए अधिकारियों से बातचीत की तब उनको पूछा कि हमारे बैच में तो छह से सात प्रतिशत महिलाएं होती थी, आपके बैच में कितनी महिलाएं थी तो उन्होंने बताया कि लगभग 33 से 50 प्रतिशत महिलाएं। मल्होत्रा ने कहा आज इस कार्यक्रम में भी 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल हुई है, बहुत खुशी हो रही है।






