उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ. संयमलता म.सा., डॉ. अमितप्रज्ञा म.सा., कमलप्रज्ञा म.सा., सौरभप्रज्ञा म.सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में 24 घंटे का अखंड महा मंगलकारी तीर्थंकर अनुष्ठान का भव्यातिभव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। भगवान अरिष्ठनेमी के केवल कल्याणक के पावन प्रसंग पर महासाध्वी संयमलता ने मंगलाचरण के पश्चात विभिन्न स्तुति एवं प्रार्थना से महा मंगलकारी तीर्थंकर अनुष्ठान का शुभारंभ किया। तीर्थंकरों की स्तुति करने से उत्कृष्ट रसायन आ जाए तो तीर्थंकर गोत्र का बंध होता है। जप तप साधना के द्वारा अपने अशुभ कर्मों का क्षय एवं पुण्य कर्म का बंधन होता है। हजार साधन होने के बाद भी आदमी को शांति नहीं मिलती, परमार्थ की प्राप्ति के लिए साधना जरूरी है।
महासाध्वी ने कहा कि लगभग 2000 अनुष्ठान आराधकां से अपने पूर्व भव या इस भव की वैर भावना की आलोचना करवाई। प्रत्येक अनुष्ठान आराधक ने 24 घंटे में 30,240 बार मंत्र का उच्चारण किया। सभी आराधको ने मिलकर साढे 6 करोड़ से अधिक बार मंत्र का उच्चारण किया। तीर्थंकरों की स्तुति से सेक्टर 4 स्थित महावीर भवन गूंज उठा। अनुष्ठान में घोड़नदी, भिवंडी, बारडोली, पालघर, बोईसर, हैदराबाद, बैंगलोर, बदनोर, अहमदाबाद, पुणे, धारावी, अंधेरी, भीलवाड़ा, सूरत, आदि अनेक उपनगरों से हज़ारो की संख्या में श्रद्धालुओं ने अनुष्ठान में सम्मिलित होकर अपनी आत्मा को पवित्र पावन बनाया।







