उदयपुर। देश का पहला पांच तत्वों की एनर्जी से निर्मित समग्रम ध्यान पिरामिड का भव्य शुभारंभ शोभागपुरा में हुआ। इस अवसर पर समग्रम ध्यान पिरामिड के संस्थापक डॉ. एनसी जैन ने बताया कि पिरामिड का शुभारंभ पीएसएसएम ध्यानरत्न राम राजू सर और पीएमसी हिंदी चैनल के डायरेक्टर महेश अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महेश अग्रवाल ने कहा कि समग्रम ध्यान पिरामिड का प्रोजेक्ट हाथ में लेने वाले संस्थापक डॉ एनसी जैन जो भारतीय वनसेवा में उच्च पदों पर सेवा देने के बाद यह पिरामिड बनाने का प्रकल्प हाथ में लिया और आज अंजाम तक पहुंचाया। इसके लिए जैन साहब को बहुत बहुत साधुवाद।
विशिष्ट अतिथि राम राजू सर ने कहा कि ब्रह्म ऋषि श्री सुभाष पतरी जी का सपना था कि ध्यान को सरल बनाना और घर-घर तक पहुंचना है, इसी कड़ी में पूरे देश में अनेक पिरामिड की स्थापना की जा रही है और घर-घर ध्यान की ज्योत जगाने के लिए, ध्यान के बारे में अवेयरनेस लाने के लिए अनेको प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि ध्यान की अलख पूरे विश्व में फैलानी पड़ेगी। ध्यान की आवश्यकता बताते हुए ध्यानरत्न राम राजू सर ने कहा कि पिरामिड का मतलब ऊर्जा के बीच, एनर्जी के साथ एकाकार हो जाना। उन्होंने कहा कि शाकाहार को अपनाना चाहिए और जिससे भी परेशानी हो उससे क्षमा मांगनी चाहिए।
समग्रम ध्यान पिरामिड प्रकल्प के बारे में डॉ. एनसी जैन ने कहा की यह पिरामिड ब्रह्मांड के पांचो तत्वों को समाहित करते हुए बनाया गया है इस पिरामिड के अंदर बैठ कर ध्यान करने से एनर्जी का जो फ्लो है वह फ्लो तीन गुना बढ़ जाता है और अनेको प्रकार के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुख का अनुभव होने लग जाता है, निरंतर ध्यान से व्यक्ति को जीवन में असीम आनंद की अनुभूति होती है। इस पिरामिड में एक किंग चैंबर भी बनाया गया है।
मीडिया प्रभारी सम्पत बापना ने बताया यहां पर ध्यान के साथ में मिट्टी चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, जल चिकित्सा, कलर चिकित्सा, अर्थिंग थेरेपी के साथ ही कई प्रकार की नेचुरोपैथी, प्राणायाम, योग इत्यादि को समग्र हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ प्रकृति के नियमों के अनुरूप विभिन्न एक्टिविटीज यहां निरंतर होगी, जिसका कोई भी व्यक्ति लाभ ले सकता है। यह सभी जनमानस के लिए खुले हृदय से हमेशा खुला है। अंत में मनोविज्ञान विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्विद्यालय की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कल्पना जैन ने सभी अतिथियों का धन्यवाद आभार व्यक्त किया।







