उदयपुर। हिंदुस्तान जिंक भारत की पहली महिला खदान बचाव टीम 13वीं अंतर्राष्ट्रीय खदान बचाव प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। इंटरनेशनल माइन रेस्क्यू बाॅडी के निर्देशन में, कोलंबिया की राष्ट्रीय खनन एजेंसी द्वारा इसी माह आयोजित इस वर्ष की प्रतियोगिता में विश्व की 26 से अधिक टीमें शामिल होंगी। हिंदुस्तान जिंक की टीम इस प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने वाली भारत की पहली महिला टीम के रूप में ऐतिहासिक सफलता का प्रतीक है, जो अपने असाधारण बचाव कौशल और विशेषज्ञता का प्रदर्शन करेगी।
प्रतिवर्ष विभिन्न मेजबान देशों में आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता में विभिन्न बचाव अभ्यास और परीक्षण शामिल होते हैं जो महत्वपूर्ण भूमिगत खदान बचाव परिदृश्यों का अनुकरण करते हैं।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकार अरुण मिश्रा ने कहा कि, महिला भूमिगत खदान बचाव टीम पर हमें गर्व है, जो विश्वपटल पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। हिंदुस्तान जिंक ने इस प्रतियोगिता में पूर्व में भी भाग लिया है, लेकिन इस वर्ष सभी महिलाओं की टीम का प्रतिनिधित्व एक नया मील का पत्थर है। सात सदस्यों वाली इस टीम को भारत की पहली भूमिगत खदान बचाव टीम होने का गौरव भी प्राप्त है, जिसमें सभी महिलाएं हैं। यह टीम छह श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जिसमें सांस लेने और न लेने वाले वातावरण में खदान बचाव अभ्यास, प्राथमिक चिकित्सा, खनन बचाव कौशल, उपकरण तकनीशियन परीक्षण और सैद्धांतिक ज्ञान मूल्यांकन शामिल हैं। पुरुष प्रधान धातु और खनन क्षेत्र में विविध और समावेशी कार्यबल को बढ़ावा देकर हिंदुस्तान जिंक खनन क्षेत्र में बदलाव लाने में सबसे अग्रणी है। कंपनी इस क्षेत्र से जुड़े भारी और शारीरिक श्रम की धारणा को तोड़कर तेजी से डिजिटलीकरण और स्वचालन द्वारा संचालित स्थायी और मानकीकृत कार्य अनुभव सुनिश्चित कर रही है। व्यक्तिगत और कार्यक्षेत्र में जीवन के हर चरण में महिलाओं को अवसर एवं आगे बढ़ने में सहयोग करने की कंपनी की प्रतिबद्धता ने करियर को आगे बढ़ाने वाली पहलों ने मुख्य खनन कार्यों में करियर के लिए हिंदुस्तान जिंक को चुनने वाली महिला प्रोफेशनल की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है।







