उदयपुर। केन्द्र सरकार का रवैया वर्तमान में माईनिंग गतिविधियों के प्रति काफी उदार है। प्रदेश के खनन उद्यमियों को सरकार की उदार योजनाओं का लाभ उठाना चाहिये। मिनरल्स का देश में उत्पादन होने से औद्योगिक गतिविधियों बढेंगी जिससे आर्थिक समृद्धि में भी इजाफा होगा।
उपरोक्त विचार पीयूष नारायण शर्मा ने यूसीसीआई में व्यक्त किये। खान मंत्रालय द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन सं. का.आ. 924(अ) दिनांक 20 फरवरी 2025 के द्वारा क्वार्टज, फैल्सपार, माइका व बेराइट खनिजों को मेजर मिनरल की लिस्ट में जोड़ दिया गया है तथा इन खनिजों के संबंध में खान मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 21 फरवरी 2025 द्वारा सभी राज्यों के खान मंत्रालय के प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को पत्र प्रेषित कर सूचित किया गया कि एमसीडीआर के नियम 45 के तहत उक्त खनिजों के खान मालिकों को भारतीय खान ब्यूरो में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।
इस संबंध मे भारत सरकार के खान मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय खान ब्यूरो के महानियंत्रक (प्रभारी) पीयूष नारायण शर्मा, खान व भूविज्ञान विभाग राजस्थान सरकार के निदेशक दीपक तंवर के साथ उदयपुर चैम्बर आफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा उदयपुर संभाग के क्वार्टज, फैल्सपार, माइका व बेराइट्स खनिज के खनन पट्टाधारियों तथा इस क्षेत्र के माइनिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में भारतीय खान ब्यूरो, उदयपुर के खान नियंत्रक अभय अग्रवाल, राजस्थान सरकार के खान व भूविज्ञान विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी, उदयपुर चैम्बर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष एम.एल. लूणावत तथा इस क्षेत्र के खनन उद्योग से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय खान ब्यूरो के महानियंत्रक पी.एन.शर्मा ने बताया कि भारत सरकार देश में खनिज सम्पदा के सुव्यवस्थित, वैज्ञानिक रीति से तथा पर्यावरण मित्रवत् दोहन के लिए प्रतिबद्ध है। क्रिटिकल मिनरल का देश में आयात किया जाता है। अतिशीघ्र क्रिटिकल मिनरल का खनन भी प्रारम्भ होने जा रहा है। इसके लिए मिनरल ब्लाॅक्स की नीलामी भी की गई है। इन खनिजों का दोहन प्रारम्भ होने से देश को इन खनिजों का आयात नहीं करना पड़ेगा तथा देश आत्मनिर्भर बन सकेगा। साथ ही देश समुद्री खनन की दिशा में भी कार्य प्रारम्भ हो गया है जिससे देश खनन क्षेत्र में विश्व में अग्रणी स्थान पर आ जायेगा।
शर्मा ने बताया कि क्वार्टज, फैल्सपार, माइका, बेराइट्स खनिजों को गौण से प्रमुख खनिजों की श्रेणी में शामिल किए जाने के फलस्वरूप इन खनिजों का दोहन सुव्यवस्थित, वैज्ञानिक रीति से होगा और खनन भी पर्यावरण मित्रवत् होगा। इन खनिजों के पट्टाधारियों को रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु भारतीय खान ब्यूरो की ओर से देशभर में कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है जिससे पट्टाधारियों को त्वरित गति से रजिस्ट्रेशन का लाभ मिल सके। इसके साथ ही इन खनिज के पट्टाधारियों को लगाए गए कैम्पस् में भारतीय खान ब्यूरो द्वारा उचित मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है। बैठक में पट्टाधारियों की ओर से रजिस्ट्रेशन एवं अन्य संबंधित गतिविधियों में आ रही समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई जिसका शर्मा द्वारा उचित मार्गदर्शन व समधान दिया गया।
इस अवसर पर खान व भूविज्ञान विभाग के निदेशक दीपक तंवर ने बताया कि क्वार्टज, फैल्सपार, माइका व बेराइट्स खनिज के खनन पट्टाधारियों के लिए राज्यभर के खान व भूविज्ञान विभाग के कार्यालयों में रजिस्ट्रेशन हेतु मार्गदर्शन एवं अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं जिससे कि इस कार्य को निश्चित समयावधि में पूर्ण किया जा सके।
भारतीय खान ब्यूरो, उदयपुर के खान नियंत्रक अभय अग्रवाल ने प्रतिभागी माईनिंग उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय खान ब्यूरो पट्टाधारियों को हमेशा उचित मार्गदर्शन देने हेतु कटिबद्ध है ताकि देश में खनन उद्योग का त्वरित गति से विकास हो। इसके साथ ही उन्होंने खनन पट्टाधारियों को रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु भारतीय खान ब्यूरो के क्षेत्रीय कार्यालय, अजमेर द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स इण्डस्ट्री के अध्यक्ष एम.एल.लूणावत ने महानियंत्रक (प्रभारी) के समक्ष खनन उद्योग से जुड़ी समस्याओं पर एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने सुझाव दिया कि खान मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किये गये चार माईनर मिनरल जिनमें मुख्यतः क्वाट्र्ज, फैल्सपार, माईका एवं बेराईट्स शामिल हैं, इन्हें मेजर मिनरल्स में पंजीकृत किया गया है।
इन मिनरल्स की माईनिंग लीज बहुत ही कम क्षेत्रफल (लगभग 2 से 3 हैक्टेयर) की है एवं लीज बाउण्ड्री भी आपस में जुडी हुई हैं। अब इन माईन्स का माईनिंग प्लान मेजर मिनरल के रुप में 30 जून तक तैयार किया जाना है।
चूंकि इन माईन्स का माईनिंग प्लान को माईनर मिनरल के तौर पर पहले से ही अनुमति प्रदान की जा चुकी है अतः हमारा माननीय शर्मा साहब से यह निवेदन है कि वर्तमान माईनिंग प्लान को ही स्वीकृति प्रदान की जावे। इसके साथ ही इन चारों मिनरल्स हेतु माईनर मिनरल के तौर पर पूर्व में प्राप्त पर्यावरण सम्बन्धी अनुमतियों को भी यथावत स्वीकृत किया जावे।
ज्ञात हो कि माईन्स की लीज अवधि वर्ष 2040 तक बढाई गई है अतः हमारा यह अनुरोध है कि उपरोक्त चारों मिनरल्स की लीज अवधि मेजर मिनरल में भी यथावत बढाई जावे।
कार्यक्रम मे मानद महासचिव ने कहा कि उदयपुर संभाग से विगत वर्षों में खनन उत्पादों का निर्यात बढ़ा है परन्तु पिछले कुछ समय में खनन उद्यमियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस अवसर पर पूर्व संरक्षक अरविन्द सिंघल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में लगभग 50 खनन पट्टाधारियों/उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
हितांशु कौशल ने छोटी खदानों व माइनिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को रजिस्ट्रेशन की महत्ता की जानकारी दी ।