उदयपुर। जैन विद्या, संस्कृति और प्राकृत भाषा के अध्ययन व संरक्षण के लिए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग के अंतर्गत नवनिर्मित ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत भवन के वर्धमान सभा मंडप एवं भूमि तल का लोकार्पण शनिवार को एक भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर जैन संत आचार्य सुनील सागरजी महाराज, पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया तथा विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के तत्वावधान में किया गया है, जो जैन विद्या, संस्कृति और प्राकृत भाषा के अध्ययन व संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
उल्लेखनीय हैं कि ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत भवन का निर्माण श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के वित्तीय और तकनीकी सहयोग से किया गया है। यह भवन आधुनिक वास्तुकला और शैक्षणिक सुविधाओं का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें वर्धमान सभा मंडप पुस्तकालय, अनुसंधान कक्ष, और प्राकृत भाषा के अध्ययन के लिए विशेष कक्ष शामिल हैं। यह संस्थान जैन दर्शन, इतिहास, साहित्य, और प्राकृत भाषा के अध्ययन के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं, विद्वानों, और छात्रों के लिए जैन विद्या के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।
लोकार्पण समारोह और आशीर्वचन
लोकार्पण के पश्चात विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में एक गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य सुनील सागरजी महाराज और आचार्य कल्प पुण्य सागरजी महाराज ने उपस्थित जनसमूह को अपने आशीर्वचन प्रदान किए। आचार्य सुनील सागरजी ने अपने उद्बोधन में जैन धर्म के सिद्धांतों, अहिंसा, और ज्ञान के प्रसार पर बल देते हुए इस भवन को जैन विद्या के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान न केवल जैन दर्शन को बढ़ावा देगा, बल्कि प्राकृत भाषा और साहित्य के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। आचार्य कल्प पुण्य सागरजी ने युवा पीढ़ी को जैन मूल्यों के प्रति जागरूक करने और इस केंद्र के माध्यम से वैश्विक स्तर पर जैन संस्कृति को प्रचारित करने का आह्वान किया। इस अवसर पर आचार्य श्री ने पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
प्रमुख वक्ताओं के उद्बोधन
समारोह में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अपने संबोधन में इस भवन को जैन विद्या और प्राकृत अध्ययन के लिए एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, “यह संस्थान न केवल उदयपुर, बल्कि पूरे विश्व में जैन दर्शन और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक अनुपम प्रयास है।” उन्होंने श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा और विश्वविद्यालय के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की।
विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने अपने संबोधन में इस परियोजना को विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा, “ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत भवन न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा, बल्कि यह जैन दर्शन, प्राकृत भाषा और साहित्य के अध्ययन को नई दिशा प्रदान करेगा। यह संस्थान विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।” उन्होंने इस परियोजना के लिए श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के प्रति आभार व्यक्त किया।
उदयपुर शहर के विधायक ताराचंद जैन ने अपने संबोधन में जैन समुदाय के सामाजिक और शैक्षणिक योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह भवन जैन विद्या के अध्ययन और अनुसंधान के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा, जिससे नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ा जा सकेगा।
जैनोलॉजी विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति बाबू जैन ने इस अवसर पर विभाग की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह संस्थान जैन दर्शन, प्राकृत भाषा, और साहित्य के अध्ययन के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। उन्होंने इस परियोजना को साकार करने में श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के योगदान को रेखांकित किया।
श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का संबोधन
श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमनालाल जैन हपावत ने अपने संबोधन में इस परियोजना के पीछे की प्रेरणा और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह भवन जैन विद्या और प्राकृत भाषा के अध्ययन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। हमारा उद्देश्य जैन दर्शन के मूल्यों को विश्व स्तर पर प्रचारित करना और प्राकृत भाषा के संरक्षण को बढ़ावा देना है।” उन्होंने इस परियोजना के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और समुदाय के सहयोग की सराहना की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जम्बू प्रसाद जैन, प्रदीप जैन मामाजी, प्रदीपजैन पीएनसी तथा दिनेश खोडनिया मौजूद रहे।