डी एस पालीवाल
उदयपुर। मेहनतकशों की एकजुटता से ही जातिवाद और सांप्रदायिकता से मुकाबला किया जा सकता है तथा शोषण और गुलामी से मुक्ति मिल सकती है।” यह विचार मजदूर किसान हक संगठन द्वारा खेरवाड़ा खेल मैदान में मई दिवस पर आयोजित सांझे कार्यक्रम में उभरकर आये।
लाल झंडों और बोनरों से सजे कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही मजदूर महिलाएं और पुरुष एकत्रित होना आरंभ हो गए थे वहीं मजदूरों का एक जत्था कस्बे में नारे लगाते हुए सम्मिलित हुआ। मजदूर किसान हक संगठन के शांतिलाल अहारी ने मई दिवस का इतिहास बताया और मई दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत की।
सबसे पहले विभिन्न संगठनों से जुड़े पदाधिकारी आफताब मकरानी, वालचंद पटेल, धर्मदास जी, नानजी भाई तथा नाना भगत का अध्यक्ष मंडल बनाया गया। कार्यक्रम में जनवादी मजदूर यूनियन उदयपुर के अध्यक्ष डालचंद मेघवाल ने मई दिवस के इतिहास की चर्चा करते हुए मजदूरों की वर्तमान परिस्थितियों से तुलना की और बताया कि हमें एक बार फिर स्थाई रोजगार, 8 घंटे काम और सम्मानजनक वेतन के लिए लड़ाई तेज करनी पड़ेगी।
सभा में जागरूक युवा एवं विद्यार्थी संगठन के लोकेश भील ने मई दिवस के शहीदों को याद किया और बताया कि वर्तमान समय में युवाओं के सामने अनेक चुनौतियां हैं जिसका हल मजदूर किसानों के संघर्षों में भागीदारी से ही संभव होगा।
सभा में 6 साल की बच्ची मान्यता ने बच्चों की तरफ से मई दिवस की शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई कि उसके अभिभावक बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया छोड़कर जाएंगे। सभी ने तालियां बजाकर और नारे लगाकर बच्ची का हौसला अफजाई किया।
सभा में इलियास मकरानी ने मजदूरों के कर्जों के बारे में बताया और कहा कि कर्जों में मजदूरों के घर बर्बाद हो गए हैं और जमीन तथा इज्जत पर हमले हो रहे हैं। मकरानी ने कहा कि मजदूरों को मिलकर ही समस्याओं के विरुद्ध हल्ला बोलना पड़ेगा।
कार्यक्रम में जनवादी मजदूर यूनियन केसरियाजी के सचिव ईश्वर भाई ने संबोधित किया और कहा कि सब तरह के अस्थाई तथा स्थाई मजदूरों की यूनियने बनाकर मालिकों के विरूद्ध सामूहिक संघर्ष करना पड़ेगा। वहीं खेरवाड़ा यूनियन के हांजा भाई ने आंगनबाड़ी, आशा सहयोगिनी आदि को स्थाई करने की मांग की।
गिर्वा तहसील से कार्यक्रम में भागीदारी करने के लिए पहुंचे जोगिंदर सिंह ने लाल झंडे का महत्व बताया और कहा कि मांगने से काम नहीं चलेगा अब छिनने की तैयारी करनी पड़ेगी। सभा के अंत में नाना भगत ने अध्यक्षीय संबोधन करते हुए दुनिया में मनाए जा रहे मई दिवस का महत्व बताया तथा सभी संविदा कर्मियों को स्थाई करने तथा नरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने तथा पूरा साल काम करने की मांग के लिए आंदोलन तेज करने की आवश्यकता बताई और भगत ने लाल झंडा ऊंचा उठाकर जुलूस को रवाना किया।
जुलूस में आगे-आगे परंपरागत ढोल बज रहा था और महिलाएं बैनर और लाल झंडा लेकर नारे लगाती हुई चल रही थी। पीछे पीछे दूर तक पुरुष मजदूर बैनर और लाल झंडा लेकर नारे लगाते हुए दो-दो की कतार में चल रहे थे। जुलूस जब खेरवाड़ा बाजार में पहुंचा तो जनवादी मजदूर यूनियन के सचिव जयंतीलाल मीणा ने मजदूरों की मजदूरी ₹1000 प्रतिदिन करने, वन अधिकार के पट्टे तत्काल देने तथा नरेगा मजदूरों का शीघ्र भुगतान करने की मांग उठाई। मीणा ने दुनिया और देश की हालत को चिंताजनक बताया और कहा कि आगे आने वाली गंभीर चुनौतियों से मजदूर वर्ग ही मुकाबला कर सकता है तथा मजदूर क्रांति से ही वास्तविक मुक्ति और स्वतंत्रता संभव है।
जुलूस खेल मैदान से निकलकर बस स्टैंड, खेरवाड़ा थाना, मोचीवाड़, निचला खेरवाड़ा होते हुए उपखंड कार्यालय पहुंचा जहां जोरदार नारेबाजी के बाद मजदूर किसान हक संगठन के सचिव शांतिलाल डामोर ने 18 सूत्री मांग पत्र पर विस्तार से बताया उसके बाद मजदूर किसान हक संगठन के पदाधिकारी अमृतलाल, गणेश लाल, बद्री लाल, नाना भगत, शांतिलाल आहरी व शांतिलाल डामोर के साथ ही कुक कम हेल्पर संघर्ष समिति की गंगाबाई, शांतिबाई, वाला भाई के साथ महिला साथी मनीषा भगोरा आदि सहित प्रतिनिधि मंडल ने उपखंड अधिकारी महोदय को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने के बाद सब ने मिलजुल कर “राज चौरा रो” गीत गाया और दुनिया भर के मेहनतकशों एक हो, मई दिवस जिंदाबाद, हर तरह के मजदूरों की एकता जिंदाबाद व लूट राज फूटराज मुर्दाबाद आदि नारों के साथ ही मई दिवस का कार्यक्रम समाप्त किया गया। अंत में खेरवाड़ा के मुस्लिम युवाओं ने सरफराज युसुफजई के नेतृत्व में सभी मजदूरों को शरबत पिलाकर उनका इस्तकबाल किया।
सभा और जुलूस में मिल मजदूर, माइंस मजदूर, दुकान मजदूर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी तथा वन अधिकार के लिए संघर्षरत साथियों के साथ ही भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष समिति के मोहन डामोर, डीएस पालीवाल, प्रेम लिंबात, सरफराज तथा भेरूलाल मीणा भी सम्मिलित हुए। मई दिवस कार्यक्रम में केसरियाजी, नयागांव तथा खेरवाड़ा के मजदूर सम्मिलित हुए। जहां बंशी भाई की संस्कृतिक टीम ने “नी मानु भुरेटिया नी मानू रे” लोकगीत सुनाया तथा आजाद चौक पर “महंगाई की मार है भाई महंगाई की मार है” गीत सुनाया। कार्यक्रम के अंत में मजदूर किसान हक संगठन के अध्यक्ष नानाभाई ने सबको धन्यवाद दिया और मांगों के लिए भावी आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।